मिर्ज़ापुर विंध्याचल स्थित रामगया घाट पर आज पितृपक्ष की अमावस्या पर बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओ ने आज अपने पूर्वजों के आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया, मान्यता है कि अयोध्या लौटते समय भगवान श्रीराम ने मुनि वशिष्ठ के निर्देश पर यहीं पर अपने पिता राजा दशरथ का पिंडदान किया था, वृहद औसनस पुराण, मार्कण्डेय पुराण और वाल्मीकि रामायण में उल्लेख है कि यहां पर पिंडदान करने का फल भी गया के विष्णुपद मंदिर के समान ही है, तभी से श्रद्धालु रामगया घाट पर पितृपक्ष की अमावस्या पर अपने पूर्वजों के आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते आ रहे है ,