मिर्ज़ापुर कंतित शरीफ में हजरत ख्वाजा इस्माइल शाह चिश्ती की दरगाह पर तीन दिवसीय सालाना उर्स शुरू
मिर्ज़ापुर थाना विन्ध्याचल क्षेत्र स्थित कंतित शरीफ में हजरत ख्वाजा इस्माइल शाह चिश्ती की दरगाह पर तीन दिवसीय सालाना उर्स शुरू हो गया , जायरीनों का हुजूम उमड़ पड़ा, हजरत ख्वाजा इस्माइल शाह चिश्ती अजमेर शरीफ के हजरत ख्वाजा मोइनउद्दीन चिश्ती के भाँजे हैं, आपका उर्स रजब महीने में 5वीं तारीख से लेकर 8वीं तारीख तक बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, हजरत ख्वाजा इस्माइल शाह चिश्ती को हिन्दू मुसलमान सभी धर्मों के लोग मानने वाले बड़े ही यकीदा से आपके मजारे शरीफ पर आते हैं, शुरू से ही आपके मजारे शरीफ की परम्परा रही है कि उर्स में मजारे शरीफ पर पहली चादर हिन्दू समाज की तरफ से चढ़ाई जाती है, आप 12वीं शताब्दी के आखिरी या 13वीं शताब्दी के शुरू में अपने मामा अजमेर के हजरत ख्वाजा मोइनउद्दीन चिश्ती के साथ हिन्दुस्तान आये थे, बाद में आपको मिर्ज़ापुर की विरासत व खिलाफत देकर मिर्जापुर भेजा गया था, आपने इबादत के लिए जो जगह चुना वह कंतित शरीफ के नाम से मशहूर हुआ, आपके मानने वाले बताते हैं कि अगर किसी वजह से जो शक्स अजमेर शरीफ के उर्स में नहीं जा पाते वह आपके उर्स में जरूर आते हैं, इसी वजह से आपको मिनी अजमेर भी कहा जाता है, आपके मजारे शरीफ की तासीर यह है कि प्रदेश से लेकर दिल्ली तक सियासत करने वाले अगर मिर्ज़ापुर आते हैं तो बड़ी यकीन व आस्था से आपके मजार पर चादर चढ़ाते हैं, चाहे वह पूर्व प्रधानमंत्री स्व० इन्दिरा गाँधी रही हो या पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी या फिर राहुल गांधी हो साथ ही अन्य किसी भी पार्टी के लोग आपके दरबार में हाजिरी जरूर लगाते हैं, काफी दूर-दूर से लाखों लोग आपके उर्स में शिरकत कर अपनी मुरादे मांगने आते है , लोग यक़ीदत के साथ जायरीनों को तबर्रुक वितरण कर शवाब कमाने है,