मिर्ज़ापुर विंध्याचल माँ विन्ध्यवासिनी देवी का आज गंगाजल से घट जलाभिषेक किया गया, प्राचीन परंपरा के तहत वैशाख मास कृष्ण पक्ष प्रतिपदा के दिन माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर पर घट जलाभिषेक का कार्यक्रम होता है, प्राचीन परंपरा के अनुसार प्रत्येक वर्ष चैत्र पूर्णिमा के अगले दिन वैशाख मास की प्रतिपदा के दिन गंगाजल से माँ का चरणाभिषेक करने के पश्चात मन्दिर परिसर में स्थित समस्त देवी देवताओं को गंगाजल से विधिवत स्नान कराए जाने के बाद सम्पूर्ण मन्दिर परिसर को गंगाजल से धोया जाता है, इस प्रक्रिया की सम्पन्नता के पश्चात रात्रि में निकासी पूजन किया जाता है, जिसमे माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर पर माली द्वारा एक प्रतिमा स्थापित कर वृहदरूप से विशेष प्रकार का पूजन करने के पश्चात पूरे विन्ध्य क्षेत्र की परिक्रमा कर दक्षिण दिशा में कुछ किलोमीटर दूर जाकर उक्त सुसज्जित देवी प्रतिमा को समस्त सामग्रियों सहित छोड़ दिया जाता है, यह समस्त कार्यक्रम श्री विन्ध्य पण्डा समाज के निर्देशन में सम्पन्न होता है, जिसमे समस्त वर्गों के स्थानीयों की सहभागिता होती है, मान्यता है कि वर्ष भर न जाने कितने श्रद्धालु अपनी अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए नकारात्मक व अदृश्य शक्तियों जैसे टोन , टोटके, भूत, प्रेत बाधाएं इत्यादि को मन्दिर व उसके आसपास अनुकूल स्थानों पर छोड़कर उससे निजात पाते है, इन क्रियाओं से किसी का अहित न हो इन्ही कारणों से पहले गंगाजल से शुद्धिकरण फिर रात्रि में विशेष पूजन के माध्यम से क्षेत्र में विद्यमान सभी नकारात्मक शक्तियों का आवाहन कर सभी को दूर एकांत दक्षिण दिशा में ले जाकर एक स्थान देकर शांत किया जाता है, राज मिश्र राजकीय पंडा, विन्ध्याचल