शब ए बारात की रात पुरखों की क़बरों पर मोमबत्ती जला तिलावत कर मग़फिरत की दूआ के साथ आज मुस्लिम समाज की गुजारेंगे रात
शब ए बारात तेहवार की रात मुस्लिम समाज अपने पुरखों की क़बरों पर जाकर मोमबत्ती वगैरह जलाकर तिलावत करते हुए मग़फिरत की दूआ किया करते है, शब ए बारात मुस्लिम समाज मे इबादत की रात कहा जाता है, जो माहे शाबान की चौदहवीं रात को अकीदत के साथ मनाया जाता है , लोग अपने घरों में हलवे और खाने पर नियाज़ व फातेहाख्वानी कराकर पुरखों के मग़फिरत के लिए दुआ करते है, वहीं खाने व हलवे को ग़रीबों फक़ीरों व ज़रुरतमन्दों को पहुंचा कर उनसे अपने पुरखों के लिए दुआ की गुज़ारिश भी करते है, शहर के सभी क़ब्रिस्तानों व दरगाहों पर देर रात तक लोगों का आना जाना लगा रहता है, क़बरों पर मोमबत्तियां व सुगन्धित अगरबत्ती जला कर उनकी मग़फिरत की दुआ होती रही है, साथ ही रंगीन झालरों और रंग बिरंगी मोमबत्तीया अपने घरों लगते है , शब ए बारात को क़ब्रिस्तान को खास तरीक़े से रंग बिरंगी झालरों और रंगीन रॉड लगा कर सजाया जाता है ,