मिर्ज़ापुर में स्व०पंण्डित हरिशंकर तिवारी के निधन पर की गई शोक श्रद्धांजलि सभा
मिर्ज़ापुर ब्राम्हण उत्थान समिति मिर्ज़ापुर द्वारा आज पूर्व मंत्री व ब्राम्हणों के नेता स्व०पंण्डित हरिशंकर तिवारी के निधन पर शोक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन एस0एन0 पैलेस वासलीगंज में किया गया , श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये प० बजदेव पाण्डेय ने अपने व्यक्तिगत सम्बन्ध और मिर्ज़ापुर से स्व० तिवारी के लगाव पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि स्व०हरिशंकर तिवारी का जातिगत उद्भव उनके विद्यार्थी जीवन से गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना काल से हुआ , उस समय की घटना की चर्चा करते हुये बताया कि गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना गोरखपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी सूरति नारायन मणि त्रिपाठी के सक्रिय प्रयास से हुआ परन्तु गोरखनाथ मठ के महन्थ दिग्विजय नाथ सिंह ने सुरति नरायणमणि त्रिपाठी को कई बार अपमानित करने का प्रयास किया गया , जिसे स्व तिवारी सहन नहीं कर सके और उन्होंने ब्राम्हणों व छात्रों के साथ मिलकर जिलाधिकारी का साथ दिया , वहीं से उनके ब्राम्हण उत्थान व नेतृत्व गुण का प्रस्तुती करण हुआ , पाण्डेय ने कहा कि स्व०तिवारी के वर्चस्व को समाप्त करने के लिए शासन-प्रशासन ने उनकी छवि बिगाड़ने का लगातार प्रयास किया , परन्तु सच्चाई है कि स्व०तिवारी ने किसी को एक थप्पड़ भी नहीं मारा था , तो वही सचिव संदीप मिश्रा ने श्रद्धाजंली देते हुते कहा कि स्व०तिवारी के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर ब्राम्हणों के सहयोग के लिए तत्पर रहना चाहिए , कार्यक्रम में मुख्य रूप से आशुतोष दूबे, कैलाश नाथ उपाध्याय, राजेन्द्र शुक्ला चुनमुन, जनार्दन पाण्डेय, संजय दूबे, रामनाथ दूबे, अमिताभ पाण्डेय सहित अन्य लोग मौजूद रहे ,