उत्तर प्रदेश के नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव खत्म होते ही राष्ट्रीय पार्टी के नेताओ का आरोप का दौर शुरू हो गया, एक तरफ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए, तो वही बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कई गंभीर आरोप लगाया, अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया कि बूथ एजेंटों को बूथ से बाहर निकाल दिया गया था, बूथ पर सपा के एजेंट नही थे, बूथ पर जाने से सपा के वोटर को रोका गया, फिर उनके वोट को किसने डाला, संभल में जानबूझ कर माहौल खराब किया जा रहा है, ताकि चुनाव की बेमानी और धांधली पर चर्चा न हो इसलिए संभल में सब कुछ करवाया जा रहा है, जब की सर्वे हो गया था फिर से सर्वे फिर क्यों हो रहा, कुंदरकी में वोटर ने वोट नहीं डाला, फिर वोट किसने डाला, बीजेपी छल कर रही है, जिनकी उंगली में निशान नहीँ है उनके भी वोट पड़ गए है, EVM की फोरेंसिक जांच अगर संभव हो तो यह पता किया जा सकता है कि एक ही उंगली से कितनी बार बटन दबाया गया है, यह नए जमाने की इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग है, बीजेपी सोच रही है PDA इससे हताश होगी , ऐसा नहीं होगा, BJP के बूथ पर 90% वोट पड़ा जबकि सपा के बूथ पर 10 से 15 % वोट पड़ा, चुनाव पर बहस न हो इसलिए संभल में जानबूझकर कर तनाव बढ़ाया जा रहा है, तो वही बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि EVM और फर्जी मतदान लोकतंत्र पर बहुत बड़ा खतरा है, इसको लेकर जनता से आवाजें आ रही है, जबतक चुनाव आयोग इस पर कोई फैसला नहीं देता हमारी पार्टी BSP आगे से कोई भी उप चुनाव यानि बाई इलेक्शन नहीं लड़ेगी, मायावती ने भी EVM पर सवाल उठाए ,